खुद की देख -रेख कर के ही आप दुसरो की मदद करे, कहा गया है पहला सुख निरोगी काया।
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बहुत समय पहले की बात है एक राजा के राज्य में मोटू नामक एक मोची रहता था। पैसा कम होने के कारण उसके सगे - साथी यह काम छोड़ चुके थे। पर मोटू बड़ी तसल्ली से लोगो के जुते - चप्पलो की मरम्मत करता था।
आस - पास के कई गावो में एक मात्र मोची होने के कारण उसके पास काम की कोई कमी नहीं रहती थी। दूर - दूर से लोग अपने फटे - चीथड़े जूते - चप्पल बनवाने पहुंचते। .... मोटू भी बड़ी लगन से अपने ग्राहकों को समय देता और उनका काम पूरा कर देता। पर इन सब के बीच वह अपने ही पुराने हो रहे जूतों की ओर ध्यान नहीं देता।
समय बीतता गया। ..... मोटू दुनिया भर के जूतों को चमकाता रहा ,और उसके अपने जुते ही घिसते - घिसते ख़राब होते रहे।
कुछ लोग उसे जूतों के लिए टोकते भी पर वह हर बार यही कह के टाल देता की। .....
पहले ग्राहकों के जुते तो बना लू फिर अपने भी बना लूंगा
करते - करते जुटे इतने ख़राब हो गए की अब वे उसके पैरो को तकलीफ देने लगे। ...... ध्यान न देने के कारन मोटू के पैरो में घाव भी बन गया।
जब लोग उसे इसके लिए कुछ कहते तो वह कहता - अरे बस हलकी सी चोट है। ...... ठीक हो जाएगी आप चिंता न करे।
लापरवाही के कारन कुछ महीनो बाद मोटू के पैर इतने खराब हो गए की वह लंगड़ा - लंगड़ा कर चलने लगा। ...... असहनीय पीड़ा होने पर लोग उसे सहर के अस्पताल ले गए।
पता चला की मोटू महीनो पहले शुरु हुवा एक छोटा सा घाव अब नासूर बन चूका है।
डॉक्टर के पास कोई विकल्प नहीं था, उन्हें मोटू का एक पैर घुटने के निचे से काटना पड़ा।
इस घटना से पहुंचे आघात के कारन मोटू कभी भी अपने काम पर नहीं लौटा और आज उसकी वजह से पूरा गांव ही फटे - पुराने जुते - चप्पल पहनने को मजबूर थे।
दोस्तों क्या आप इस करैक्टर मोटू को identify कर पा रहे है ?
क्या आप की लाइफ में भी कोई है जो मोटू की तरह रह रहा है ?
या कही आप खुद ही मोटू तो .........
क्या आप अपने परिवार, अपने बिजनेस या किसी और चीज का ध्यान रखने में इतने व्यस्त है की खुद का ख्याल नहीं रखते ?
ऐसा करना एक पल के लिए आप को अच्छा एहसास दे सकता है की आप आत्मनिर्भय न हो कर अपने अपनों के लिए त्याग कर रहे है लेकिन ऐसा करना न आप के लिए सही है न तो आप को चाहने वालो के लिए ही।
''मैंने देखा की अक्सर माएं ऐसा करती है वे अपने बच्चो को अपनी परिवार की खूब देख -रेख करती है पर खुद के खान पान और सेहद पर ध्यान ही नहीं देती वे घर के हर एक मेंबर के लिए सारी सुविधा देती है ''
आप ठीक रहेंगे तभी और सब भी ठीक रहेगा इसलिए खुद को नजर अंदाज करने की बजाय खुद पर ध्यान दीजिये और अपनी पूरी सकती पूरी लाइफ सबकी तकलीफ दूर करने में लगा सकते है।
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