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गुरुवार, 10 मई 2018

बैंक का लोन नहीं चूका पा रहे है तो आप के पास है ये अधिकार -




अगर आप बैंक का लोन नहीं चूका पा रहे है तो आप के पास है ये अधिकार - अगर आप बैंक का लोन किसी परेशानी के चलते के चलते चूका पाने में असमर्थ है तो बेसक बैंक को अपना रूपया वसूलने का अधिकार है लेकिन इसे वसूलने के लिए  अपने मर्जी से आपके खिलाफ कुछ भी नहीं कर सकता है। क्योकि उसे भी एक प्रोसीजर को फॉलो करना होता है।
इसलिए ऐसे में आपको सारा प्रोसीजर जानना जरुरी हो जाता है। आइये जानते है जो लोग लोन चूका पाने में असफल होते है उनके पास क्या अधिकार होते है

आपको है नोटिस पाने का अधिकार -

अगर आप समय से लोन चूका नहीं पाए है तो अपनी बकाया की वसूली करने से पहले बैंक सीधा आप की संपत्ति पर कब्ज़ा नहीं कर सकता है इसके लिए बैंक को कुछ प्रक्रियाओं का पालन करते हुवे आपको आपका बकाया चुकाने का समय देना होता है। बैंक इस तरह की कार्यवाही सिक्योरिटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ़ फाइनैंशल ऐसेट्स एंड ऐफोर्समेंट ऑफ़ सिक्यॉरिटी एंट्रेस्ट (सारफेसी )एक्ट के तहत करते है।
अगर लोन लेने वाले के कहते को NPA में डाल दिया गया है और 90 दिनों से बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है तो पहले बैंक को 60 दिनों का एक नोटिस जारी करना होता है। और अगर उस नोटिस पीरियड के दौरान कर्ज लेने वाला पैसा नहीं दे पाता है तो बैंक को ये अधिकार है की वो उसकी संपत्ति का नीलामी कर सके।
लेकिन नीलामी के प्रोसीजर को भी आगे बढ़ाने के लिए बैंक को एक बार फिर से 30 दिनों की पब्लिक नोटिस देनी होती है जिसमे नीलामी से सम्बंधित विवरण का उल्लेख करना जरूरी होता है

आपकी प्रापर्टी का उचित मूल्य जानने का अधिकार -

अगर आप 60 दिनों की नोटिस पीरियड के अवधि के दौरान भी लोन चूका पाने में असमर्थ होते है तो बैंक आपकी संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है। लेकिन ऐसा करने से पहले भी बैंक को एक और नोटिस देना होता है। जिसमे बैंक आपकी प्रापर्टी की वैल्यू लगाने वालो द्वारा तय की गयी कीमत ,नीलामी की तारीख और समय ,रिजर्व प्राइस के बारे में इन्फॉर्म करता है

अगर इस नोटिस में लोन लेने वाले को लगता है की उसकी प्रापर्टी की कीमत काम लगायी गयी है तो वो आपत्ति भी दर्ज कर सकता है। अपनी आपत्ति को सही ठहराने के लिए वो ऐसे किसी दूसरे ऑफर के बारे में बता सकता है जो उसे पहले मिला हो। जिस पर बैंक ध्यान देकर डिसिशन ले सकता है

आपकी प्रापर्टी की नीलामी में बाकी बची रकम को पाने का अधिकार -

इसके आलावा अगर आपकी संपत्ति की नीलामी से मिली रकम लोन और दूसरी सारी प्रक्रियाओं पर  खर्च से ज्यादा है तो आप को ऐ अधिकार है की आप अपनी बाकी बची रकम को पा सके।
इसे ऐसे समझा जा सकता है जैसे आप के लोन और बाकी पुरे प्रोसीजर का खर्च 30 लाख आया और आपकी संपत्ति 40 लाख रुपए में नीलाम हुई तो बाकी के बचे 10 लाख रुपये आप को मिल जायेगे।

आपकी बात रखने और सुने जाने का अधिकार -

आप नोटिस पीरियड के दौरान सबंधित ऑथोराइज़्ड ऑफिसर के सामने का अपनी बात रखने का अधिकार रखते है और ये भी  रखते है की आप अपनी संपत्ति के जब्बत करने के नोटिस पर आपत्ति जाता सकते है
अगर आप अपनी बात रखते है तो अधिकारी को 7 दिनों के अंदर आपको जबाब देना होगा /अगर वो आपकी संपत्ति को ख़ारिज भी करता है तो उसे इस बारे में जरुरी वैध वजहें भी बतानी होगी।



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