एक हार से कोई फ़क़ीर और। एक जित से कोई सिकंदर नहीं बनता![]() |
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तूफान में तिनके का घर नहीं बनता।
रोने से बिगड़ा मुकद्दर नहीं बनता। दुनिया को जितने का हौसला रक्खो।
एक हार से कोई फ़क़ीर और।
एक जित से कोई सिकंदर नहीं बनता ♡♡♡
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हार हो ही जाती है जब मान लिया जाता है।
जित हो ही जाती है जब ठान लिया जाता है ♡♡♡
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उस मौज की टक्कर से साहिल भी लरजता है।
कुछ रोज जो तूफ़ान के आगोश में पल जाये ♡♡♡
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मंजिलो से गुमराह भी कर देते है कुछ लोग।
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता ♡♡♡
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वो हो तो बस मेरी हो ऐ जिद हमारी है।
बस इस इक बात पर दुनिया से जंग जारी है।
मै कतरा होकर भी तूफा से जंग लड़ता हु।
मुझे बचाना समन्दर की जिम्मेदारी है।
कोई बता दे उसके गुरुर-ए-बेजा को।
वो जंग मैंने लड़ी ही नहीं जो हारी है।
दुआ करो की सलामत रहे मेरी हिम्मत।
ये छोटा सा चिराग कई आंधियो पर भारी है ♡♡♡
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