केंद्र सरकार ने तीन कृषि अध्यादेशों को किसानों के भारी विरोध करने के बाद भी दी मंजूरी।
पंजाब के एक किसान ने इस विधेयकों को विरोध में जहर खा कर जान दे दी है। गांव अक्कावाली के किसान प्रीतम सिंह ने इस विधेयक के विरोध में शुक्रवार को धरने पर बैठे और उन्होंने जहर खा लिया। उन्हें बठिंडा के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहा उनकी मौत हो गई। इस कारण इस मुद्दे पर वहा की राजनीति भी गरमा गई है।
विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार की रात मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। इन अध्यादेशों का जिले में शुरुआत से ही विरोध हो रहा है। किसान संगठन इस अध्यादेशों को किसान विरोधी बताते हुए इसका विरोध कर रहे है और इसको वापस लेने की मांग कर रहे है।
कृषि से सम्बंधित अध्यादेश पर संसद में विधेयक लाने वाली केंद्र की मोदी सरकार की मंजूरी मिलने के बाद किसान इसका विरोध कर रहे है। भाकियू अंबावता जिलाध्यक्ष विजय सिंह सहरावत का कहना है की पूँजीपति किसान को एक पैसे का फायदा नहीं होने देंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं होगा तो किसान से पूँजीपति अपने मूल्य पर फसल खरीदेंगे। नई व्यवस्था में बिचौलिये नहीं होने की बात कही जा रही है। लेकिन पूँजीपति खुद ही बिचौलियों के मदद से फसल खरीदेंगे। भण्डारण की सीमा ख़त्म कर दी गई है। पूँजीपति सस्ते दामों में फसल खरीद कर उसका भण्डारण कर महगे दामों पर बेचेंगे। सरकार हर फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करे।
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