कोरोना वायरस का दस्तक गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में, मौत के बाद जांच में कोरोना के संकेत।
Galeopsis Ochroleuca Linnious - इसके रसायन कफोत्सारक, फेफड़े, आंत, स्प्लीन, और यकृत रोगो की चिकित्सा के लिए व्यवहार किया जाता है।
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बस्ती जिले के कोतवाली थाना
क्षेत्र का रहने वाले 25 वर्षीय हसनैन अली जूता
चप्पल के सप्लाई का काम करता था। परिजनों के मुताबिक वह दो महीने से बीमार चल रहा
था। निजी अस्पताल से रेफर होने के बाद उसको बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि के लिए उसके
नमूने को जांच के लिए भी भेजा गया था। गोरखपुर के
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत होने पर कोरोना के सक होने से हड़कंप मच गया। रविवार को उसके परिजनों ने यह कह कर भर्ती कराया गया था की इसकी दो महीने पहले से तबियत ख़राब है।
जांच की पुष्टि के लिए नमूना केजीएमयू
लखनऊ भेजा गया था। जहा से कन्फर्म रिपोर्ट आने के बाद
इस बात की पुष्टि हो गयी है की हसनैन अली की जांच नमूने में कोरोना वायरस का पहला चरण था। जिसमे कोरोना
परिवार के सदस्य के मौजूदगी का पता चलता है। जिसको कोरोना पॉजटिव नहीं कहा जा सकता
है।
हसनैन के मौत
के बाद गोरखपुर से बस्ती तक हड़कम्प मच गया है। संपर्क में रह रहे परिजनों सहित डॉक्टरों, पैरामेडिकल
स्टॉफ सभी लोगो को आइसोलेट कर दिया गया है।
रविवार की रात परिजनों ने
सांस में तकलीफ की शिकायत पर पहले ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। उसके बाद वहा से
मेडिसिन विभाग के वार्ड नंबर 14 में उसे शिफ्ट किया गया था। रात में हसनैन की तबियत
ज्यादा बिगड़ने पर उसको कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया था जहा सोमवार उसकी मौत हो
गयी।
उसके लार को जांच करने के
लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा गया था। जिसमें जांच का नमूना रिएक्टिव मिला है।
आरएमआरसी कोरोना के सैम्पल की दो चरणों में जांच करता है। पहले चरण में कोरोना
फैमिली के वायरस की तस्दीक की जाती है। इसे ही रिएक्टिव कहते है दूसरे चरण में
कोरोना परिवार के वायरस में से कोविड -19 की पहचान की जाती
है। जबकी हसनैन को नमूने में पहला चरण हुआ था। जिसको
पॉजीटिव नहीं कहा जा सकता। उसके बाद उसके संपर्क में आए लोगो को आइसोलेट कर के निगरानी
किया जा रहा है।
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