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मंगलवार, 2 अक्टूबर 2018

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किसान क्रांति पदयात्रा में शामिल किसानो का दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस से झड़प।

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Pic credit Google/https://www.financialexpress.com
अपनी समस्याओ को लेकर दिल्ली मार्च कर रहे किसान क्रांति पदयात्रा में शामिल किसानो का दिल्ली बॉर्डर  पर पुलिस से झड़प हो जाने के बाद वहां पर हिंसक रूप ले लिया है। पुलिस ने किसानो को तीतर बितर करने के लिए लाठीचार्ज सहित आँसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर रही है। और उन्हें रोकने के लिए जमुनापार में धारा 144 लगा दिया गया है और यूपी से दिल्ली प्रवेश करने वाले सभी रास्ते को बंद कर दिया गया है। और यूपी गेट पर झड़प के बाद घटना स्थल पर मुस्तैद पुलिस किसानो को दिल्ली नहीं घुसने दे रही है।
किसानो के समर्थन में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने किसानो के प्रदर्शन को सही ठहराया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी किसानो का समर्थन किया है और उनके मांग और आंदोलन को सही ठहराया है और उन्होंने यह भी कहा है की किसानो को दिल्ली आने की इजाजत दी जानी चाहिए।
किसानो को रोकने के लिए गाजीपुर बॉर्डर, महाराजपुर बॉर्डर और अप्सरा बॉर्डर पर पुलिस खाश निगरानी पर है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने विशेष इंतजाम किया है।
किसानो का मांग है की 60 साल के बाद पेंशन, पीएम फसल बीमा योजना में बदलाव, गन्नो के कीमतों का जल्द भुगतान, कर्जमाफी, सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली, किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मुक्त लोन, आवारा पशुओ से फसल का बचाव, सभी फसलों की पूरी तरह खरीद हो।
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष का कहना है की हमें यूपी बॉर्डर पर क्यों रोका जा रहा है हम अनुशासित तरीके से आगे बढ़ रहे थे। अगर हम अपनी समस्या सरकार को नहीं बतायेगे तो क्या पाकिस्तान या बांग्लादेश को बतायेगे।
भारतीय किसान यूनियन केअगुवाई में किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितम्बर को हरिद्वार से शुरू हुई थी इसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान 1 अक्टूबर को गाजियाबाद तक पहुंचे थे जहा उन्हें रोक दिया गया। 

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