इनकम टैक्स रिटर्न फील कर रहे व्यक्ति की Accidental Death होती है तो दस गुना राशि उस व्यक्ति के परिवार को देने के लिए सरकार बाध्य है.
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अगर किसी व्यक्ति की Accidental Death होती है और वह व्यक्ति पिछले तीन साल से लगातार इनकम टैक्स रिटर्न फील कर रहा था तो। उसकी पिछले तीन साल की एवरेज ,सालाना इनकम की दस गुना राशि उस व्यक्ति के परिवार को देने के लिए सर्कार बाध्य है।
जी हां ,आप को आश्चर्य हो रहा होगा यह सुन कर लेकिन यह बिलकुल सही सरकारी नियम है,
उदाहरण के तौर पर अगर किसी की सालाना आय क्रमसः पहले दूसरे और तीसरे साल चार लाख ,पांच लाख ,और छ लाख है। तो उसकी औसत आय पांच लाख का दस गुना मतलब पचास लाख रूपए उस व्यक्ति के परिवार को सर्कार से मिलने का हक़ है।
ज्यादातर जानकारी के आभाव में लोग यह क्लेम सरकार से नहीं लेते है।
जाने वाले की कामी को तो कोई पूरा नहीं कर सकता ,लेकिन अगर पैसा पास में हो तो भविष्य सुचार रूप से चल सकता है।
अगर लगातार तीन साल तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो ऐसा नहीं है की परिवार को पैसा नहीं मिलेगा ,लेकिन ऐसे केस में सर्कार एक से डेड लाख देकर किनारा कर लेती है। लेकिन अगर लगातार तीन साल तक रिटर्न फाइल किया गया है तो तो ऐसी स्थिति में केस ज्यादा मजबूत होता है और यह माना जाता है की मरने वाला व्यक्ति अपने परिवार का रेगुलर आर्नर था और अगर वह जिन्दा रहता तो अपने परिवार के लिए अगले दस सालो में वर्तमान आय का दस गुना कमाता ही जिससे वह अपने परिवार की अच्छे तरह से पालन पोसड कर पाता।
सब सर्विस वाले लोग है और रेगुलर अर्नर है लेकिन बहुत से लोग रिटर्न फील नहीं करते है जिसकी वजह से न तो कंपनी द्वारा काटा हुवा पैसा सरकार से वापस लेते है और न ही इस प्रकार से मिलने वाले लाभ का हिस्सा बन पाते है।
source - forwarded
section 166 of tha motar act ,1988
(supreme court judgment under civil appeal no 9858 of 2013 ,arising out of SLP (C) No.1056 of 2008) Dt 31 Oct 2013.
FOWARDED AS RECEIVED
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