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गुरुवार, 5 सितंबर 2019

चालान की रकम भरने से बचने के लिए यह जरूर जान ले।

Pic credit - Google/https://navbharattimes.indiatimes.com

चालान की रकम भरने से बचने के लिए यह जरूर जान ले की सेन्ट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के अनुसार अगर आप ट्रैफिक पुलिस या आरटीओ के द्वारा कोई भी पेपर तुरंत मांगने पर जैसे -  रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट नहीं दिखाते है तो यह जुर्म नहीं है। क्योकि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में प्रावधान किया गया है की वाहन चालाक को दस्तावेज को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है। ट्रैफिक पुलिस तुरंत उसका चालान नहीं काट सकती है। 
नया मोटर व्हीकल एक्ट लागु होने के बाद से वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर तुरंत चालान करने की जो खबरे आ रही है। उससे बचने के लिए आप यह जरूर जान ले की उससे कैसे निपटा जाए। उसके लिए आप किसी एडवोकेट से सलाह ले कर कोर्ट का सहारा ले सकते है। 
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विनय कुमार गर्ग और एडवोकेट रोहित श्रीवास्तव ने बताया की सेन्ट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में प्रावधान किया गया है की वाहन चालाक को दस्तावेज को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस या आरटीओ अधिकारी तत्काल उसका चालान नहीं काट सकती है। मतलब अगर आप 15 दिन के अंदर अगर यह दस्तावेज को दिखाने के लिए कहते है तो ट्रैफिक पुलिस या आरटीओ अधिकारी आप के वाहन का चालान नहीं कर सकती है। 
उन्होने यह भी बताया की मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के तहत एक्सीडेंट होने या विशेष मामलो में इन दस्तावेज को दिखाने का समय 7 दिन का होता है। इसके आलावा ट्रैफिक कानून के जानकार और लॉ प्रोफ़ेसर डॉ राजेश दुबे का कहना है की अगर ट्रैफिक पुलिस रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर चालान काटती है तो चालक के पास कोर्ट में इसको ख़ारिज कराने का इसका विकल्प रहता है। सीनियर एडवोकेट गर्ग का कहना है की अगर ट्रैफिक पुलिस गैर क़ानूनी तरीके से चालान काटती है तो इसका यह मतलब नहीं होता है की चालक को चालान भरना ही पड़ेगा। ट्रैफिक पुलिस का चालान कोई कोर्ट का आदेश नहीं है। इसको कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। अगर कोर्ट को लगता है की चालक के पास सभी दस्तावेज है और उसको इन दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय नहीं दिया गया, तो वह जुर्माना भी माफ़ कर सकता है। 



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