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💔💔💔💔
सब्र आ जाय, इस उम्मीद में ठहर गया कोई
पास होकर भी, कैसे बेधड़क गुजर गया कोई
नजर कहां वह, मुझको जो तलाश करती रही
शख्त राहों पे, शायद ख्वाब बिखेर गया कोई
तिलिस्मी हो गये, इशारे उनकी नजर के अब
देखिये आके, तमन्नाएं बर्बाद कर गया कोई
क्या -क्या निकला कड़वाहट से भरी बातों में
आज सुनके इल्जाम, दिल से उतर गया कोई
शौक से बैठाई महफ़िल, अनमनी सी रही
मेरा जिक्र "तारा" खैर चैन से घर गया कोई 💘💘💘
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