मेरे मुर्शिद ने इल्म ऐसा दिया,आदमी से खुदा हो जाए हम।
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आदमी इतना अदभुत है, और इतना
अँधा की, जिनको तुम धार्मिक कहते हो,
उनका भी दावा है ......... मेरा धर्म !
मै हिन्दू हूँ, मै जैन हूँ, मै ईसाई हूँ !
धार्मिक आदमी का "मेरा" हो सकता है !
और जहा मेरा-तेरा है, वहा कैसा धर्म !
वहा तो धर्म की कोई संभावना नहीं है !
वही तो अधर्म है.......... ! 💘💘💘
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जितने की कोशिश करोगे, तो हारोगे।
बचना चाहा, तो मिटोगे। इसलिए,
हार ही जाओ, तो जीत का हार तुम्हारे गले में है।
और, मिट ही जाओ, तो फिर मिटना असंभव है।
संकल्प नहीं - समर्पण ही परम जीवन का द्धार है। 💘💘💘
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आओ इक मयकदा बनाए हम,
शेख वाइज को भी पिलाएं हम।
जिंदगी खुद में एक इबादत है,
राज की बात ये बताएं हम।
घर के बाहर बहुत अँधेरा है,
आओ भीतर शमा जलाएं हम।
आशिकी बेखुदी नहीं यारों,
प्यार को बन्दगी बनाएं हम।
इश्क में रोने का है क्या मतलब ?
आओ हंसकर पिए-पिलाएं हम।
मेरे मुर्शिद ने इल्म ऐसा दिया,
आदमी से खुदा हो जाए हम। 💘💘💘
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