पत्नी हो अंधी और पति हो बहरा, तब कही आदर्श जोड़ा बनता है।
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आदर्श जोड़ा बड़ी कठिन चीज है।
आदर्श जोड़े के लिए कई गुण होने चाहिए,
जो बहुत मुश्किल है।
जैसे पति को बहरा होना चाहिए,
अगर आदर्श जोड़ा चाहिए,
की पत्नी कुछ भी अंट-शंट बके,
वह सुने ही नहीं।
और पत्नी को अंधा होना चाहिए,
की पति यहां-वहां देखे,
इस स्त्री को देखे उस स्त्री को देखे,
आँखे मिचकाए, हाथ मटकाए,
पत्नी को कुछ दिखाई ही न पड़े।
पत्नी हो अंधी और पति हो बहरा,
तब कही आदर्श जोड़ा बनता है।
आदर्श जोड़ा बड़ी कठिन चीज है।
बहुत ही असंभव।
यह दुर्घटना कभी-कभी घटती है।
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