मयखाने में हर कोई शराबी और मस्जिद में हर कोई नमाजी नहीं होता।
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💔💔💔💔
ऐ दोस्त तुझ पर
लिखना शुरू कहा से करू
अदा से करू या हया से करू
तुम्हारी दोस्ती इतनी खूबसूरत है
पता नहीं की तारीफ़
जुबा से करू या दुआ से करू। 💕💕💕
💔💔💔💔
कुछ इस तरह से ........
तेरे इश्क में फ़ना हो जाऊ .......
तुझको बनाऊ हवा और ........
मै दिया हो जाऊ .......
तिनका तिनका जलु ........
कतरा कतरा बुझ जाऊ .....
शम्मा के वजूद में ........
परवाने की रूह में पनाह पाउँ......💕💕💕
💔💔💔💔
बात सजदों की नहीं नियत की है
मयखाने में हर कोई शराबी और
मस्जिद में हर कोई नमाजी नहीं होता। 💕💕💕
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